लेखनी प्रतियोगिता -30-Jan-2023
हम तो बहुत नादान थे,
हमें लगता था,
हमें कभी प्यार नही हो सकता,
होता भी कैसे हम किसी को देखते ही नही थे,
पर हमारी किस्मत को कुछ और ही मंजूर था।
हम नादान तो अब भी है पर किसी के प्यार में,
आज जब भी मन उदास हो तो एक ही चेहरा याद आता है,
हम उसके मुस्कुराते हुए चेहरे को देख लेते है ओर
हमारी सारी परेशानी खत्म हो जाती हैं।
पहले हमें अदरक वाली चाय में सुकून मिलता था पर
अब उसके चेहरे पर मुस्कान देख कर ही हमें सुकून मिल जाता है।
हम पहले समझ नही पाए कि यह प्यार है या
यूं कहें कि हम समझना ही नही चाहते थे।
हमने पहले उसे सुकून का नाम दिया पर
अब हम कहते है
हाँ हमें भी प्यार हुआ है।
हाँ हमे तुमसे इश्क हो हुआ है।
Vishalramawat"सुकून"(जाना)
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Shashank मणि Yadava 'सनम'
20-Feb-2023 05:38 AM
बहुत ही सुंदर सृजन
Reply
Milind salve
06-Feb-2023 09:42 PM
👌👌
Reply
Rajeev kumar jha
31-Jan-2023 11:38 AM
Nice
Reply